बृहस्पति आरती
बृहस्पति आरती (अंग्रेजी)
!! जय बृहस्पति देवा, ओम जय बृहस्पति देवा,
चि चिन्न भोग लागाओं कदली फल मेवा,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
!! तुम पुराण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी,
जगतपिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
!! चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता,
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भ्राता,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
!! तन मन अर्पण कर जो जन शरण पड़े,
प्रभु प्रकट, तब होकर, आकार द्वार खड़े,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
!! दीन दयाल दयानिधि, भगतन हितकारी,
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
!! सकल मनोरथ दायक, सब संशय हरो,
विषय विकार मिटाओ संतान सुखकारी,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
!! जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गाए,
जेठानंद आनंदकर सो निश्चय पावे,
ओम जय ओम जय बृहस्पति देवा !!
वृहस्पति आरती (हिंदी)
!! जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा,
छिन्न भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!
!! तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी,
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!
!! चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हरता,
सकल मनोरथ प्रदत्त, कृपा करो, भरता,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!
!! तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े,
प्रभु प्रकट तब करें, आकर द्घारस्ता,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!
!! दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी,
पाप दोष सब हरता, भव बंधन हारी,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!
!! सकल मनोरथ प्रदायिनी, सब संशय हारो,
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!
!! जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे,
जेठानन्द नंजकर, सो निश्चय पावे,
ऊँ जय बृहस्पति देवा !!









